UJJAIN CM मोहन यादव आज करेंगे मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन
प्रदेश की पहली मेडिसिटी बनेगा उज्जैन, हर तरह के इलाज की सुविधा मिल सकेगी
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार को उज्जैन में 592.3 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मेडिकल कॉलेज का भूमि पूजन करेंगे।
इस दौरान वे मध्य प्रदेश की बनने जा रही पहली मेडिसिटी की आधारशिला भी रखेंगे। भूमि पूजन कार्यक्रम सामाजिक न्याय परिसर में होगा, जिसके लिए बड़ा डोम बनाया गया है। मेडिकल कॉलेज लगभग तीन सालों में बनकर तैयार होगा।
कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि कई वर्षों से उज्जैनवासी मेडिकल कॉलेज की मांग कर रहे थे। यह उनके लिए बड़ा दिन है, क्योंकि मेडिकल कॉलेज के भूमि पूजन के साथ पहली मेडिसिटी की अवधारणा साकार होने जा रही है।
UJJAIN में बनने वाला मेडिकल कॉलेज 14.97 एकड़ जमीन पर 592.3 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा। इसमें 550 बेड की क्षमता वाला अस्पताल होगा और 150 मेडिकल छात्रों को चिकित्सा शिक्षा प्रदान की जाएगी। कॉलेज परिसर में 14 मंजिला हॉस्टल और 6 मंजिला अस्पताल का निर्माण होगा।
ऐसी होगी मेडिसिटी
UJJAIN कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि मेडिसिटी में देशभर से लोग आकर इलाज की सुविधाएं ले सकेंगे। इसमें रुकने के लिए होटल और सभी चिकित्सा पद्धतियों जैसे आयुर्वेदिक, एलोपैथिक, योग और होम्योपैथिक इलाज एक ही शहर में उपलब्ध होंगे।
UJJAIN मेडिकल कॉलेज में ये सुविधाएं होंगी
मेडिकल कॉलेज में 380 क्षमता का नर्सिंग हॉस्टल, यूजी-इंटर्न गर्ल्स और बॉयज हॉस्टल, सर्विस ब्लॉक, लाइब्रेरी, पार्किंग, जिमनेजियम और फुटओवर ब्रिज की सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा भवन में ऊर्जा दक्षता, फायर सेफ्टी, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सोलर पावर, इलेक्ट्रिसिटी बैकअप और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग होगा।
पूरे शहर को सजाया गया
UJJAIN गुरुवार को मुख्यमंत्री मोहन यादव मेडिकल कॉलेज की सौगात देने जा रहे हैं। उनके आभार में पूरे शहर में पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं। कार्यक्रम स्थल को भी विशेष रूप से सजाया गया है। कलेक्टर ने पार्किंग व्यवस्था हिरा मिल कंपाउंड पर रखने के निर्देश दिए हैं।
इसके अलावा, नागरिक अभिनंदन पत्र, दिव्यांगजन के लिए रैंप, मीडिया और गणमान्य नागरिकों के लिए बैठक व्यवस्था, आकस्मिक चिकित्सा के लिए अस्थाई अस्पताल, सुरक्षा और बैरिकेडिंग, डॉक्टर और चिकित्सा कर्मियों की बैठक व्यवस्था, परिसर की साफ-सफाई, और सजावट जैसे प्रबंध करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए गए हैं।