RAJASTHAN टाइगर के मुंह पर धारदार हथियार से किए ताबड़तोड़ वार:सवाईमाधोपुर में इंसानी हमले में ही मरा था बाघ, पोस्टमार्टम में मिले सबूत
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RAJASTHAN:-
रणथंभौर टाइगर रिजर्व (सवाई माधोपुर) के नजदीक मिले टाइगर टी-86 के शव का सोमवार सुबह पोस्टमार्टम हुआ। बाघ के मुंह पर धारदार हथियार से वार के निशान मिले हैं।
अधिकारियों का कहना है कि इस तरह से हमला इंसान ही कर सकता है। टाइगर की बॉडी के दूसरे हिस्सों में भी चोट के निशान मिले हैं। बाघ पर इतने हमले किए गए कि मौत से पहले उसकी जुबान बाहर लटक गई थी।
दरअसल, रविवार को रिजर्व के उलियाणा गांव के खेत में टाइगर का शव मिला था। यह वही गांव है, जहां शनिवार को टाइगर के हमले में एक ग्रामीण की मौत हो गई थी। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि जिस बाघ का शव मिला है, उसी ने ग्रामीण को मारा था।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि टाइगर को किसने मारा?
टाइगर टी-86 की उम्र थी करीब 14 साल बाघ टी-86 को बाघिन लाडली टी-8 ने जन्म दिया था। टाइगर की उम्र 14 साल थी। जो जोन नंबर एक और दो में रहता था। टेरेटरी फाइट के चलते जोन एक और दो से निकलकर टी-86 ने नॉन टूरिज्म इलाके में अपनी टेरेटरी बना ली थी। शनिवार (2 नवंबर) को बाघ के हमले में भरत लाल मीणा पुत्र रामकल्याण मीणा निवासी उलियाना की मौत हो गई थी।
भरत लाल रणथंभौर नेशनल पार्क की दीवार से सटे खेत में अपनी बकरियां चरा रहा था। शाम करीब साढ़े चार बजे टाइगर ने उस पर हमला कर दिया था। टाइगर शव को लेकर करीब 20 मिनट तक बैठा रहा था। हालांकि, यह पता नहीं चला है कि उस युवक को किस बाघ ने मारा था।
अगस्त में दो भाइयों पर हुआ था हमला
इसी साल अगस्त में रणथंभौर के गोपालपुरा गांव में टाइगर ने दो भाइयों पर हमला किया था। दोनों भाई इस हमले में बुरी तरह घायल हो गए थे। वन विभाग के अनुसार हमला रिजर्व से करीब एक किलोमीटर दूर हुआ था। दोनों घायल अपनी भैंस की तलाश कर रहे थे। इसी दौरान घात लगाकर बैठे बाघ ने अटैक कर दिया था।
रणथंभौर में एक साल में 14 टाइगर की मौत
रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बीते एक साल में 14 टाइगर व शावकों की मौत हुई है। इनमें अधिकतर मौत टेरिटोरियल फाइट के कारण हुई हैं। अधिकारियों के अनुसार करीब 1700 वर्ग किलोमीटर में फैला रणथंभौर रिजर्व 10 जोन में बंटा है, लेकिन टाइगर की संख्या अधिक होने के कारण यहां आपसी संघर्ष भी बढ़ गया है।
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट के अनुसार एक नर बाघ पर दो मादा बाघिन का रेशो होना चाहिए। रणथंभौर में 31 बाघों पर 30 बाघिन है जो भी संघर्ष का बड़ा कारण बन रहा है। रिजर्व में कुल 76 टाइगर हैं। वहीं राजस्थान में बाघों की कुल संख्या 137 है।
पत्थर मार-मारकर रणथंभौर के टाइगर को मार डाला?:मुंह पर चोट के निशान, जिस गांव में शव मिला, वहीं कल एक बाघ ने ग्रामीण को मारा था
रणथंभौर नेशनल पार्क के टाइगर टी-86 की मौत हो गई है। टाइगर का एक वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में शरीर पर चोट के निशान भी दिखाई दे रहे हैं। टाइगर के चारों तरफ बड़े-बड़े पत्थर पड़े दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में टाइगर के मुंह पर धारदार हथियार से कटने के चोट के निशान भी हैं। आशंका जताई जा रही है कि पत्थरों से बाघ को मारा गया है, लेकिन वन विभाग इस वीडियो की पुष्टि नहीं कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक बाघ का शव रणथंभौर नेशनल पार्क से बिल्कुल सटे हुए उलियाना गांव के एक खेत में मिला है। यह वही उलियाना गांव है, जहां कल एक टाइगर ने एक ग्रामीण को मार डाला था। इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि जिस बाघ का शव मिला है, उसी ने एक दिन पहले हमला किया था।
PCCF (प्रधान मुख्य वन संरक्षक) अरिजीत बैनर्जी ने भास्कर से कहा- बाघ की डेड बॉडी रिकवर हुई है, कल पोस्टमार्टम होगा, उसके बाद ही मौत के असली कारणों का पता लग सकेगा।
टाइगर टी-86 की उम्र करीब 14 साल बाघ टी-86 को बाघिन लाडली टी-8 ने जन्म दिया था। टाइगर की उम्र 14 साल थी। जो जोन नंबर एक और दो में रहता था। टेरेटरी फाइट के चलते जोन एक और दो से निकलकर टी-86 ने नॉन टूरिज्म इलाके में अपनी टेरेटरी बना ली थी।
एक दिन पहले युवक को टाइगर ने मारा था वहीं, एक दिन पहले शनिवार को बाघ के हमले में भरत लाल मीणा पुत्र रामकल्याण मीणा निवासी उलियाना की मौत हो गई थी। भरत लाल रणथंभौर नेशनल पार्क की दीवार से सटे खेत में अपनी बकरियां चरा रहा था। शाम करीब साढ़े चार बजे टाइगर ने उस पर हमला कर दिया था। उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। टाइगर शव को लेकर करीब 20 मिनट तक बैठा रहा था। हालांकि यह पता नहीं चला है कि उस युवक को किस बाघ ने मारा था।
ग्रामीणों ने किया था प्रदर्शन वहीं, भरत लाल मीणा की मौत से नाराज ग्रामीण 22 घंटे तक धरने पर बैठे रहे। शनिवार को मौत के बाद शाम करीब 6 बजे ग्रामीणों ने उलियाना गांव में सवाई माधोपुर-कुंडेरा रोड पर जाम लगा दिया था। इसके बाद रविवार सुबह सभी ग्रामीण उलियाना गांव में सवाई माधोपुर-कुंडेरा रोड से शव लेकर गणेश धाम (रणथंभौर का एंट्री गेट) पर धरना देने के लिए निकले, लेकिन पुलिस ने जमूलखेड़ा मोड़ के पास रोक दिया। ग्रामीण इसी जगह शव रखकर धरने पर बैठ गए। इसके बाद कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की मध्यस्थता से सहमति बनी है।
इन मांगों पर बनी सहमति
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प्रशासन के साथ मृतक के परिवार को 15 लाख रुपए मुआवजा देने पर सहमति बनी है। इसमें दस लाख रुपए वन विभाग और प्रशासन व पांच लाख रुपए कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी मीणा की ओर से दिए जाएंगे।
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फोरेस्टर मंगल सिंह को हटाया जाएगा। मृतक के परिवार ने 50 लाख रुपए मुआवजे में मांगे थे। इसमें से 15 लाख रुपए पर सहमति बन गई है। इसमें से बचे 35 लाख रुपए, पांच बीघा जमीन और CCF, DFO के खिलाफ कार्रवाई के लिए कलेक्टर प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजेंगे।
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वन विभाग की ओर से मृतक के परिवार के आश्रित को नेचर गाइड़ की नियुक्ति दी जाएगी।
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वहीं CCF अनूप केआर और DFO रामानंद भास्कर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने तक दस-दस ग्रामीण रोजाना धरना देंगे।
1 अक्टूबर से शुरू हुआ टूरिस्ट सीजन रणथंभौर में एक अक्टूबर से टूरिस्ट सीजन शुरू हुआ है। रणथंभौर टाइगर रिजर्व में कुल 10 जोन हैं। इनमें दो पारियों में टाइगर सफारी होती है। सुबह की पारी में सफारी सुबह 6 से 9 बजे तक होती है। शाम की शिफ्ट में सफारी दोपहर तीन बजे से शाम 6 बजे तक होती है। रणथंभौर में फिलहाल 81 बाघ, बाघिन और शावक हैं।