JHARKHAND चंपाई सोरेन बोले- गांवों पर कब्जा कर रहे बांग्लादेशी
JHARKHAND में धर्मांतरण बढ़ा चुनाव जीते तो घुसपैठियों से जमीनें वापस लेंगे
JHARKHAND के क्रांतिकारियों ने अंग्रेजी हुकूमत से लड़कर संथाल परगना बनाया था। आज वहीं बांग्लादेशी घुसपैठिए बढ़ रहे हैं। संथाल के एक दर्जन से ज्यादा गांवों में घुसपैठियों ने कब्जा कर लिया है। जिस गांव में 100-150 आदिवासी परिवार रहते थे, वहां आज एक भी परिवार नहीं बचा। चुनाव जीतने के बाद हम घुसपैठियों से अपनी जमीनें वापस लेंगे।’
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन बांग्लादेश से होने वाली घुसपैठ को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं। 30 साल झारखंड मुक्ति मोर्चा में रहे चंपाई सोरेन इस बार पहली दफा BJP के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर चंपाई साल 2000 में झारखंड बनने के बाद कभी नहीं हारे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा बनाने वाले शिबू सोरेन के राइट हैंड रहे चंपाई सोरेन अब उन्हीं की पार्टी को हराने के लिए चुनावी मैदान में हैं।
झारखंड की 81 विधानसभा सीटों में से 43 पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी। इनमें चंपाई सोरेन की सीट सरायकेला भी शामिल है।
MADHYA PRADESH आदिवासी बस्तियों में फाउंडेशन ने उपहार बांटे
इलेक्शन कैंपेन के दौरान दैनिक भास्कर ने चंपाई सोरेन से बात की। उनसे पार्टी बदलने, बांग्लादेशी घुसपैठ, लव-जिहाद और आदिवासियों की स्थिति पर सवाल पूछे। पढ़िए और देखिए पूरा इंटरव्यू।
सवाल: पिछले 6 चुनावों में आपने BJP को हराया। इस बार आप उसी के कैंडिडेट हैं। ये चुनाव कितना अलग है? जवाब: 28 अगस्त, 2024 को सोशल मीडिया पर पोस्ट करके मैंने सब कह दिया था। मैंने कहा था कि जिस पार्टी को खून-पसीना बहाकर बनाया, उसी को छोड़कर जा रहा हूं। JMM अपनी विचारधारा से भटक गई है। इसलिए मैं अब वहां नहीं रहूंगा। यहां से एक भी आदमी लेकर नहीं निकलूंगा।
मैंने कहा था कि राजनीति से संन्यास लूंगा, पार्टी बनाऊंगा या किसी साथी के साथ राजनीति करूंगा। कुछ भी हो झारखंड की सेवा करता रहूंगा। अब मैं उस बारे में कुछ भी बोलना उचित नहीं समझता हूं।
सवाल: इस चुनाव में आपके झंडे का रंग बदल गया, क्या JMM का वोटर आपका साथ देगा? जवाब: मुझे पूरा भरोसा है। मैं जब से राजनीति कर रहा हूं, हर जगह लोगों ने मेरा साथ दिया है। आज भी लोग मेरे साथ खड़े हैं। मुझे किसी ठेकेदार या दबंग का नहीं, आम आदमी का प्यार मिला है और मिलता रहेगा। मैं रोज लोगों से मिलता हूं, उनकी परेशानियां सुनता हूं। कोल्हान का एक-एक आदिवासी मेरे साथ है।