CHANDIGARH शर्मीला लॉरेंस बिश्नोई गैंगस्टर बन जाएगा सोचा नहीं था

शर्मीला लॉरेंस बिश्नोई गैंगस्टर बन जाएगा सोचा नहीं था

CHANDIGARH शर्मीला लॉरेंस बिश्नोई गैंगस्टर बन जाएगा सोचा नहीं था:कॉलेज सीनियर बोले- लोगों को जोड़ने में माहिर, जेल से क्रिमिनल बनकर लौटा

 

 

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‘मैं न गांववाले लॉरेंस को जानता हूं और न गैंगस्टर लॉरेंस को। मैं तो इन दोनों के बीच के फेज में रहे कॉलेज वाले लॉरेंस को जानता हूं। उस वक्त वो बेहद शर्मीला था, लेकिन लोगों को जोड़ने में बहुत माहिर था। उस वक्त उसका बहुत बड़ा ग्रुप हुआ करता था। क्रिमिनल जैसा तो कुछ नहीं था, लेकिन हां उसमें बदमाशी का टिंज (एटीट्यूड) जरूर था। उसके ग्रुप के हर बंदे को भरोसा था कि लॉरेंस उनका प्रोटेक्टर है।’

चंडीगढ़ के डीएवी कॉलेज में लॉरेंस के सीनियर और स्टूडेंड ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रेसिडेंट बरिंदर सिंह ने दैनिक भास्कर से उसकी कॉलेज लाइफ साझा की। वे कहते हैं कि उस वक्त कोई सोच भी नहीं सकता था कि लॉरेंस गैंगस्टर बन सकता है। कॉलेज में आपसी विवाद में थोड़ी मारपीट अलग बात है, लेकिन सीरियस क्राइम उसके खाते में नहीं था।

सलमान को धमकी और NCP नेता बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में लॉरेंस बिश्नोई का नाम आ रहा है। इसके बाद से उसकी कॉलेज लाइफ और पर्सनल लाइफ को लेकर कई किस्से भी चर्चा में हैं। दैनिक भास्कर इनकी पड़ताल के लिए चंडीगढ़ उसके कॉलेज पहुंचा। यहां हमने उसके कई सीनियर्स और साथियों से बात की। दोस्तों से हमें लॉरेंस की अधूरी लव स्टोरी और हनुमान भक्त होने जैसी कई बातें पता चलीं।

बेहद शर्मीला था लॉरेंस, दो लाइन ही बोल पाता था लॉरेंस के सीनियर बरिंदर सिंह ढिल्लो कॉलेज के दिनों को याद करते हुए कहते हैं, ‘लॉरेंस बेहद शर्मीला था। दो लाइन बोलकर चुप हो जाता था, लेकिन फिर भी इसे स्टूडेंड ऑर्गनाइजेशन का प्रेसिडेंट बनाया गया। इसके पीछे असल वजह लॉरेंस का एक बड़े ग्रुप का मुखिया होना था।’

‘मतलब कॉलेज में लॉरेंस का बहुत बड़ा ग्रुप था। ग्रुप में शामिल लड़कों को लॉरेंस पर बहुत भरोसा था। उन्हें यकीन था कि अगर उन पर किसी ने भी नजरें टेढ़ीं कीं या उनके साथ मारपीट की, तो लॉरेंस अपने दोस्तों का साथ नहीं छोड़ेगा। वो विरोध गुट को छोड़ेगा नहीं।’

वे आगे कहते हैं, ‘कई जगह ये खबरें भी चल रही हैं कि वो पंजाब यूनिवर्सिटी का प्रेसिडेंट रहा है। ऐसा कभी नहीं हुआ। वो कॉलेज की एक स्टूडेंट विंग का प्रेसिडेंट था। कॉलेज प्रेसिडेंट के चुनाव हुए, तब इस स्टूडेंट विंग ने भी हिस्सा लिया। तब लॉरेंस ही इस विंग का प्रेसिडेंट था। उस साल उनकी पार्टी इलेक्शन हार गई। दरअसल, लारेंस जेल में था। वो इलेक्शन में ठीक से पार्टिसिपेट भी नहीं कर सका था।’

लॉरेंस जेल में क्यों था? इसके जवाब में बरिंदर कहते हैं, ‘वो किसी बड़े क्राइम में जेल नहीं गया था,-। बल्कि इलेक्शन से पहले जैसे स्टूडेंट विंग के लड़के एक-दूसरे से लड़ बैठते हैं, या वोट पाने के लिए थोड़ा डराने-धमकाने की कोशिश करते हैं। इसी दौरान हुई मारपीट के आरोप में वो जेल गया था। ऐसा करने वाला या जेल जाने वाला लॉरेंस अकेला नहीं था और भी स्टूडेंट थे। बाद में सभी को छोड़ दिया गया।’

शर्मीला लॉरेंस बिश्नोई गैंगस्टर बन जाएगा सोचा नहीं था
शर्मीला लॉरेंस बिश्नोई गैंगस्टर बन जाएगा सोचा नहीं था

वो कितनी बार जेल गया? जवाब में बरिंदर कहते हैं, ‘इतना तो याद नहीं, लेकिन एक-दो बार चंडीगढ़ की बुड़ैल जेल गया होगा।’

वे आगे कहते हैं, ‘मैं बार-बार कह रहा हूं कि लॉरेंस कोई बहुत बड़ा नाम नहीं था। वो गैंगस्टर बनने के रास्ते पर तो बिल्कुल भी नहीं था। आप उसकी लाइफ के बारे में पूछ रही हैं तो याद करना पड़ रहा है। वो उस वक्त ऐसा चर्चित नहीं था, जिसके बारे में सब तुरंत याद आ जाए। अब लोग हमसे पूछते हैं, तो हम उसके बारे में अपनी मेमोरी रिकलेक्ट करते हैं।’

बरिंदर सिंह ढिल्लो कहते हैं, ‘लोग कॉलेज के वक्त उसके जेल जाने का हवाला देकर उसे क्रिमिनल ठहरा रहे हैं। मैं उन्हें बता दूं, कॉलेज में इलेक्शन के वक्त जैसे दूसरे लड़के विरोधी गुटों से झगड़ा करते थे, थोड़ी बहुत मारपीट करते थे, बस इतना ही था।‘

लॉरेंस के पास बिना लाइसेंस की बंदूक थी, लेकिन औरों के पास भी थी बरिंदर कहते हैं, ‘लॉरेंस के पास कोई बड़े हथियार नहीं थे। कोई छोटी-मोटी पिस्टल या कट्टा होगा। वो लाइसेंसी नहीं था। मैं फिर कहूंगा कि गैर लाइसेंसी बंदूक तो औरों के पास भी होती थी। कॉलेज के दिनों में ऐसे कई लड़के थे। वो आज अच्छी पोजिशन पर हैं। लॉरेंस भी कॉलेज के वक्त में वैसा ही था।’

‘पंजाब में तब गन कल्चर नहीं था। पहले लड़ाई के वक्त स्टूडेंट्स लाठी-डंडे या ज्यादा से ज्यादा तलवार निकालते थे। तलवार भी ऐसी नहीं कि चलाओ तो मर्डर ही हो जाए। लड़कों के पास जो गैर लाइसेंसी गन हुआ करती थी, वो भी बहुत मॉडर्न नहीं थी। ऐसी गन उस वक्त मार्केट में आसानी से मिलने लगी थीं।

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LLB तो छोड़ो, यूनिवर्सिटी तक नहीं पहुंचा लॉरेंस लॉरेंस को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया है कि वो पढ़ा-लिखा गैंगस्टर है। उसके पास LLB की डिग्री है। इस पर बरिंदर सिंह कहते हैं, ‘ये सरासर गलत है। वो यूनिवर्सिटी कभी गया ही नहीं। उसने बीए-फर्स्ट ईयर ही किया और सेकेंड ईयर में शायद एडमिशन ही ले पाया था। 2012 से तो वो जेल में ही है।’

वे आगे कहते हैं कि हमें तभी हैरानी होती है कि इतने कम वक्त वो कॉलेज में रहा, यूनिवर्सिटी कभी गया ही नहीं। जेल जाते ही वो इतना बड़ा गैंगस्टर बन गया। मतलब उसने जो अपराध किए, वो सब जेल में जाकर किए। बाहर रहते हुए नहीं किए।

लॉरेंस वन वुमन मैन था, लेकिन लव स्टोरी अधूरी रह गई लॉरेंस के क्रिमिनल बनने के पीछे मीडिया रिपोर्ट्स में एक अधूरी प्रेम कहानी का भी जिक्र होता है। इस पर बरिंदर सिंह कहते हैं, ‘लड़कियों के चक्कर से वो बहुत दूर था। अक्सर होता है कि छोटे शहरों से लड़के आते हैं। आजादी मिलती है तो फौरन इन सब चक्करों में पड़ जाते हैं। इस मामले में लॉरेंस बहुत शरीफ था। उसका कैरेक्टर बिल्कुल बेदाग था।’

लॉरेंस के दूसरे सीनियर ने बताया, ‘इस मामले में तो लॉरेंस दूसरे लड़कों से बहुत अलग था। इसीलिए लड़कियों के ग्रुप में उसकी बहुत चर्चा रहती थी। आप उस वक्त के किसी भी बंदे से पूछ लो, इस मामले में लारेंस को सभी क्लीन चिट ही देंगे।’

फिर लॉरेंस की गर्लफ्रेंड भी नहीं होगी? इस पर बरिंदर कहते हैं, ‘उस वक्त लड़कों ने बताया था कि किसी लड़की से वो बहुत प्यार करता था। लॉरेंस वन वुमन मैन था। उस लड़की के साथ उसका शादी का प्लान था। फिर लॉरेंस जेल चला गया। इस बारे में बहुत ज्यादा तो नहीं जानता क्योंकि मैं उससे काफी सीनियर था।’

लॉरेंस के दूसरे सीनियर जो अपनी पहचान नहीं बताना चाहते वे कहते हैं, ‘ये सच है कि लॉरेंस की लाइफ में एक लड़की थी। मैं उस लड़की का नाम नहीं लूंगा। दोनों के बीच पक्का रिश्ता था। उनका शादी करने का इरादा था, लेकिन बाद में लड़की के साथ कुछ मिसहैपनिंग हो गई। उसके बाद वो कहां गई मुझे नहीं पता।’

वे आगे कहते हैं, ‘कॉलेज में सबको इन दोनों के रिश्ते के बारे में पता था, लेकिन दोनों बेहद मर्यादित थे। वे बाकी लड़के-लड़कियों की तरह खुलेआम कभी साथ घूमते नहीं देखे गए।’

वो गैंगस्टर नहीं, सिर्फ स्टूडेंट विंग का प्रधान बनना चाहता था… बरिंदर सिंह कहते हैं, ‘लॉरेंस डीएवी कॉलेज में एक साल पहले ही आया था और मैं यूनिवर्सिटी से करीब-करीब जा रहा था। मेरी LLB की पढ़ाई पूरी हो गई थी। मैं स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन में था, तो कुछ साल यूनिवर्सिटी से जुड़ा रहा। बाद में मैं NSUI से जुड़ा। हालांकि, लॉरेंस किसी मेन स्ट्रीम पार्टी से कभी नहीं जुड़ा। वो स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन से ही जुड़ा रहा।’

वे आगे कहते हैं, ‘लॉरेंस को जितना मैं जानता था, उसके बारे में सुनता था, वो स्टूडेंट विंग का प्रधान ही बनना चाहता था। वो गैंगस्टर बन जाएगा, ऐसा तो किसी को कभी नहीं लगा।’

‘आप ही सोचिए एक फार राइट और एक आइडियोलॉजी फार लेफ्ट। इन दिनों तो उसे हिंदू आइडियोलॉजी के साथ प्रचारित किया जा रहा है। वो धार्मिक था, ये बात सच है।’

एक और सीनियर बोले- कॉलेज का लॉरेंस आज से बिल्कुल अलग था लॉरेंस के एक और सीनियर से हमारी मुलाकात हुई। उन्होंने बताया, ‘लॉरेंस के वक्त और भी लड़के थे, जिनका लड़ाई-झगड़ों में नाम आता था। तब तक तो पूरे चंडीगढ़ में लॉरेंस का नाम भी नहीं फैला था। वो बस सामान्य सा लड़का था, जो स्टूडेंट पॉलिटिक्स में था। कभी उसकी कोई ऐसी महत्वाकांक्षा नहीं दिखी कि उसे किसी बड़ी पार्टी से जुड़ना है या फिर बड़ा क्रिमिनल बनना है।’

‘आज का लॉरेंस तो कॉलेज के दौर के लॉरेंस से मैच भी नहीं करता। रही बंदूक चलाने की बात, तो आज कई बड़े अधिकारी और नेता बने बैठे हैं। उनके कॉलेज के जमाने की स्टोरी निकालेंगे तो न जाने कितने झगड़े सामने आ जाएंगे। हमने खुद न जाने कितने झगड़े किए हैं। यंगस्टर्स में जो एटीट्यूड होता है, बस वही उसमें भी था।’

कॉलेज के दिनों का हनुमान भक्त था लॉरेंस लॉरेंस के सीनियर बताते हैं, ‘चंडीगढ़ के सेक्टर-16 में लॉरेंस रूम लेकर अकेला ही रहता था। यहां एक रूम में ज्यादातर 2-3 लड़के साथ रहते थे। लॉरेंस अच्छे घर से था, तो वो अकेले ही एक रूम लेकर रहता था।’

‘हालांकि, उसका रूम कभी खाली नहीं रहता था। वहां हमेशा जमावड़ा लगा रहता था। एक बार मैं भी उसके रूम पर गया था। वहां दीवार पर बजरंग बली का कैलेंडर था। मैंने पूछा तो लॉरेंस ने बताया कि वो हनुमान भक्त है।

कॉलेज ने 2023 में ही लॉरेंस से कर लिया था किनारा इसके बाद हमने डीएवी कॉलेज प्रशासन से लॉरेंस के बारे में जानकारी लेनी चाही, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। यहां आकर ये पता चला कि कॉलेज ने गूगल सर्च इंजन एडमिनिस्ट्रेशन को 8 दिसंबर, 2023 में एक लेटर भेजा था। इसमें डीएवी कॉलेज की प्रिंसिपल प्रोफेसर रीता जैन का साइन भी है।

इसमें लिखा था, ‘लॉरेंस बिश्नोई कॉलेज की ऑफिशियल एल्युमिनाई लिस्ट में नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स से हमें जानकारी मिली है कि लॉरेंस इंडिया में कई क्रिमिनल एक्टिविटीज में शामिल है। लोग गूगल पर कॉलेज के बारे में सर्च करते हैं, तो लॉरेंस का नाम सबसे आगे आता है।’

‘हमारे कॉलेज से ऐसे लोग जुड़े हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंडिया को रिप्रजेंट करते हैं। लॉरेंस की इमेज की वजह से कॉलेज के इन स्टूडेंट्स की भावनाएं आहत होती हैं। गूगल एडमिनिस्ट्रेशन से हमारी रिक्वेस्ट है कि वे जल्द से जल्द डीएवी कॉलेज के साथ उसके नाम की टैगिंग हटाए।’

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