AMERICA चुनाव में क्या है हाथी-गधे की लड़ाई
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AMERICA- 8 सितंबर 1960 की बात है। डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जॉन एफ कैनेडी कैंपेन के लिए अमेरिका के ओरेगन राज्य पहुंचे। यहां समर्थकों ने उन्हें घेर लिया।
अपने चाहने वालों की भीड़ में कैनेडी ने कुछ ऐसा देखा कि उनके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई। दरअसल, कैनेडी के कुछ समर्थक अपने साथ 2 गधे लेकर आए थे। कैनेडी ने गधों को सहलाया और उन्हें लाने वालों की तारीफ की।
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गधे और हाथी अमेरिकी चुनाव का अहम हिस्सा हैं, इनके अलावा पर्पल, रेड और ब्लू ये 3 रंग भी 24 सालों से US इलेक्शन की पहचान बने हुए हैं, 3 चैप्टर्स में अमेरिकी राजनीति के मजेदार किस्से…
चैप्टर-1
हाथी और गधे कब बने अमेरिकी चुनाव का हिस्सा
साल 1828 की बात है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से एंड्रयू जैक्सन उम्मीदवार थे। उनका मुकाबला व्हिग पार्टी के जॉन एडम्स से था। जैक्सन ने चुनाव जीतने के लिए कुछ ऐसे वादे किए जिसका एडम्स ने खूब मजाक उड़ाया।
एडम्स, जैक्सन का नाम बिगाड़ कर उन्हें जैकएस (गधा) कहने लगे। जैक्सन ने इसे चैलेंज के तौर पर लिया और अपने चुनावी पोस्टरों में गधे की तस्वीर छपवाने लगे। जैक्सन वह चुनाव जीत भी गए। इसके बाद डेमोक्रेट्स ने गधों को अपने चुनावी कैंपेन का हिस्सा बनाना शुरू कर दिया।
फिर 1860 का दौर आया। ये अमेरिका में चुनावी साल था। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार अब्राहम लिंकन इलिनॉय राज्य में काफी मजबूती से लीड कर रहे थे। लिंकन को प्रभावशाली दिखाने के लिए अखबारों ने उनकी जगह हाथी की तस्वीर छापनी शुरू कर दीं। ये पहली बार था, जब रिपब्लिकन पार्टी को हाथी के तौर पर दर्शाया गया।
हालांकि, गधे के तौर पर डेमोक्रेटिक पार्टी और हाथी के तौर पर रिपब्लिकन पार्टी को पहचान देने में सबसे अहम भूमिका अमेरिका के चर्चित कार्टूनिस्ट थॉमस नेस्ट ने निभाई।
उन्होंने 1870 के दशक में डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए गधा और रिपब्लिकन पार्टी के लिए हाथी के कार्टून का जमकर इस्तेमाल किया। नतीजा ये हुआ कि दोनों ही पार्टियों ने गधे और हाथी को अपनी परमानेंट पहचान बना लिया, जो अब तक जारी है।