MAHARASHTRA राज ठाकरे माइकल जैक्सन को बालासाहेब के टॉयलेट ले गए
MAHARASHTRA एक हत्याकांड बना टर्निंग पॉइंट क्यों नहीं मिली शिवसेना की गद्दी
MAHARASHTRA- 23 जुलाई 1996… पुणे के अलका टॉकीज में पुलिस को एक शव मिला। यह शव मुंबई के माटुंगा निवासी रमेश किनी का था। अगली सुबह यानी 24 जुलाई को ‘सामना’ अखबार के फ्रंट पेज पर खबर छपी- ‘दादर के एक छोटे व्यापारी की पुणे में हत्या।’ उसी दिन विपक्ष के नेता छगन भुजबल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई, जिसमें मृतक रमेश किनी की पत्नी शीला भी शामिल हुईं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में शीला के आरोपों ने सभी को हैरान कर दिया। उन्होंने कहा कि राज ठाकरे के इशारे पर मेरे पति का अपहरण और हत्या हुई है।
उस समय महाराष्ट्र में शिवसेना के मनोहर जोशी मुख्यमंत्री थे और भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे उपमुख्यमंत्री थे। शिवसेना और भाजपा की गठबंधन सरकार को राज्य में एक ही साल पूरा हुआ था। रमेश किनी हत्याकांड में राज ठाकरे का नाम आने से राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई। ये राज ठाकरे की जिंदगी का एक बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।
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MAHARASHTRA- राज ठाकरे के पिता श्रीकांत ठाकरे ने संगीत प्रेम की वजह से उनका नाम ‘स्वरराज’ रखा था। स्वरराज का मतलब होता है ‘सुरों का बादशाह।’ श्रीकांत ने राज को बचपन से ही तबला, गिटार और वायलिन की शिक्षा दी थी।
वरिष्ठ पत्रकार धवल कुलकर्णी अपनी किताब ‘द कजिन्स ठाकरे’ में लिखते हैं कि बालासाहेब ठाकरे का अपने भतीजे के लिए प्रेम किसी से छुपा नहीं था। 1969 में कर्नाटक के साथ सीमा विवाद को लेकर मुंबई में दंगे भड़कने लगे। इन दगों में बालासाहेब का नाम सामने आया। उन्हें अपने सहयोगियों मनोहर जोशी और दत्ताजी साल्वी के साथ तीन महीने के लिए यरवदा जेल में कैद रखा गया। 9 अप्रैल 1969 को श्रीकांत अपने परिवार के साथ जेल में अपने भाई बालासाहेब से मिलने जेल पहुंचे।