DELHI 70+ वालों को आज से ₹5 लाख का मुफ्त इलाज PM बोले
अफसोस इसमें दिल्ली-बंगाल नहीं 18 राज्यों में 12,850 करोड़ के हेल्थ प्रोजेक्ट्स लॉन्च
DELHI- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को धन्वंतरि जयंती और 9वें आयुर्वेद दिवस पर देशभर में 12,850 करोड़ के हेल्थ प्रोजेक्ट्स उद्घाटन किया। पीएम ने दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) से वर्चुअली 18 राज्यों में हेल्थ सर्विसेस और प्रोजेक्ट्स की लाॅन्चिंग की। इस दौरान आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) के कवरेज को विस्तार दिया गया। अब इसके तहत 70 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को 5 लाख रुपए का मुफ्त इलाज मिलेगा।
मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार समेत 18 राज्यों में हेल्थ प्रोजेक्ट्स लॉन्च हुए। इसके साथ उन्होंने ऋषिकेश AIIMS से देश की पहली एयर एंबुलेंस संजीवनी की शुरुआत भी की।
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DELHI बंगाल के बुजुर्गों से माफी मांगी, बोले- राजनीतिक स्वार्थ सेवा करने नहीं दे रहा पीएम ने इस दौरान दिल्ली-बंगाल में योजना के लागू न होने पर माफी मांगी। पीएम बोले- ‘मैं दिल्ली और बंगाल के 70 साल के ऊपर के बुजुर्गों से क्षमा मांगता हूं कि मैं आपकी सेवा नहीं कर पाऊंगा। क्षमा मांगता हूं कि मुझे पता तो चलेगा कि आपको कष्ट है। लेकिन मैं सहायता नहीं कर पाऊंगा। कारण- दिल्ली और बंगाल की सरकार वो इस योजना से जुड़ नहीं रही है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए अपने ही राज्य के बीमार लोगों के साथ नहीं है। ये मानवता के किसी पैमाने पर खरी उतरने वाली प्रवृत्ति नहीं है। माफी मांगता हूं कि देशवासियों की सेवा कर पा रहा हूं, लेकिन राजनीतिक स्वार्थ की प्रवृत्ति दिल्ली-बंगाल में सेवा नहीं करने दे रही। मेरे दिल में कितना दर्द होता होगा, मैं शब्दों में बयां नहीं कर पाऊंगा।
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DELHI- पीएम मोदी की स्पीच की बड़ी बातें…
- धनतेरस के दिन सौभाग्य और स्वास्थ्य का ये उत्सव सिर्फ एक संयोग नहीं है। ये भारतीय संस्कृति के जीवनदर्शन का प्रतीक है। ऋषियों ने कहा है कि आरोग्य ही परम भाग्य और परम धन है। कहते ही हैं कि हेल्थ इज वेल्थ। प्राचीन चिंतन आज आयुर्वेद दिवस के रूप में पूरी दुनिया में छा रहा है। हम सबके लिए खुशी की बात है कि आज 150 से ज्यादा देशों में आयुर्वेद दिवस मनाया जा रहा है। यह आयुर्वेद को लेकर बढ़ रहे वैश्विक आकर्षण का प्रतीक है।
- भारत अपने प्राचीन अनुभवों से विश्व को कितना कुछ दे सकता है। बीते 10 साल में देश के आयुर्वेद के ज्ञान को मोरल मेडिसिन के साथ जोड़कर स्वास्थ्य के क्षेत्र में नया अध्याय जोड़ा है। 7 साल पहले आज ही के दिन ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद को देश को समर्पित करने का अवसर मिला था। आज उसी दिन सेकेंड फेज अर्पित कर रहा हूं। पंचकर्म और आयुर्वेद का आधुनिक स्वास्थ्य सेवा का फ्यूजन देखने को मिलेगा।
- जिस देश के नागरिक जितने स्वस्थ होंगे उसकी प्रगति भी अच्छी होगी। कई अस्पताल श्रमिक भाई-बहनों के इलाज के लिए बनाए गए। जिन चीजों का लोकार्पण हुआ है। उसमें एडवांस मेडिसन के साथ हाईक्वालिटी इम्प्लांट्स भी बनेंगे।
- हममें से अधिकतर लोग उस पृष्ठ भूमि से हैं, जहां बीमारी का मतलब पूरे परिवार पर बिजली गिरना होता है। गरीब के घर में कोई एक बीमार होता है तो असर घर के हर सदस्य पर पड़ता है। एक समय था जब इलाज में लोगों को घऱ, जमीन, गहने बेचने पड़ते थे। इलाज का खर्च सुनकर ही गरीब की आत्मा कांप जाती थी। बुजुर्ग मां सोचती थी कि अपना इलाज कराऊं या नाती-पोते की पढ़ाई। गरीब परिवार के बड़े-बुजुर्गों को चुपचाप तकलीफ सहने का रास्ता दिखाई देता था। पैसे की कमी की वजह से इलाज न करा पाने की बेबसी गरीब को तोड़कर रख देती थी।
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