BULANDSEHER रेप केस, आश्रम सेवादारों पर पहले भी लगे आरोप:गांववाले बोले- हर बार सेवादार बदले गए, अब आश्रम बंद हो
दिल्ली से 3 घंटे की दूरी पर है बुलंदशहर की स्याना तहसील। 21 अक्टूबर की बात है। यहां गांव में रहने वाली प्रिया (बदला हुआ नाम) के पेट में दर्द उठा। मां उसे अस्पताल लेकर गई। वहां जब अल्ट्रासाउंड किया गया, तब पता चला कि वो साढ़े चार महीने की प्रेग्नेंट है। ये जानकर परिवार घबरा गया।
प्रिया से सख्ती से पूछताछ की गई तो पता चला कि उसके साथ रेप हुआ है। प्रिया ने बताया कि गांव में मौजूद राधा स्वामी सत्संग ब्यास आश्रम में रहने वाले 75 साल के सेवादार मोहनलाल राजपूत ने उसके साथ गलत काम किया। वो अकेली नहीं है, पड़ोस में रहने वाली उसकी दोस्त आशा (बदला हुआ नाम) के साथ भी बाबा गलत काम करता था।
रेप का शिकार हुई दोनों बच्चियों की उम्र 13 साल है। परिवार ने पुलिस में शिकायत की, जिसके बाद BNS की धारा 363, 328, 376 (3), 506 और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया। आरोपी मोहनलाल को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। आश्रम पहली बार विवादों में नहीं है। पहले भी यहां ऐसे आरोप लग चुके हैं।
दैनिक भास्कर मामले की पड़ताल के लिए स्याना तहसील पहुंचा। गांव के लोग खौफ में हैं। गांव और पीड़ित परिवारों की बदनामी के डर से वो कुछ बोलने से बच रहे हैं। काफी कोशिश के बाद हमें पता चला कि आश्रम के पुराने सेवादारों पर भी पहले इस तरह के आरोप लग चुके हैं। जब भी गांववालों ने आवाज उठाई, तो सिर्फ सेवादार बदल दिए गए। पुलिस में शिकायत तक नहीं हुई।C
सबसे पहले विक्टिम बच्चियों की फैमिली से बात भाई बोला- टॉफी-पैसे देने के बहाने बुलाता, फिर आश्रम में करता गलत काम स्याना में हम राधा स्वामी सत्संग ब्यास पहुंचे, वहां हमें ताला लगा मिला। आश्रम से एक घर छोड़कर आशा का घर है। उसके भाई मोनू से हमारी बात हुई। बदनामी के डर से वो कैमरे पर बात करने को राजी नहीं हुआ।
ऑफ द कैमरा मोनू ने हमें बताया, ‘जब प्रिया के प्रेग्नेंट होने का पता चला तो उसकी मां ने उसकी खूब पिटाई की, क्योंकि पहले प्रिया कुछ बता नहीं रही थी। बाद में उसने बताया कि वो और आशा दोपहर में आश्रम जाते थे। वहां मोहनलाल टॉफी और पैसों के बहाने उन्हें बुलाता था। उनके साथ गलत काम करता था।’
‘आश्रम बदनाम है। यहां हमेशा कुछ न कुछ होता रहता है। दोपहर के वक्त गांव के लोग काम पर जाते हैं। बच्चे खेलने के लिए आश्रम के ग्राउंड में चले जाते हैं। कोई देखने वाला नहीं होता।
चाचा बोले- पहले मामला सेटल करने को कहा, नहीं माने तब FIR लिखवाई इसके बाद हम प्रिया के घर पहुंचे। उसका घर आशा के घर के सामने ही है। यहां प्रिया के चाचा अजय से हमारी मुलाकात हुई। वो बताते हैं, ‘जब हमें पता चला कि लड़की साढ़े चार महीने प्रेग्नेंट है और उसके साथ रेप हुआ है और आरोपी अश्रम का सेवादार मोहनलाल है। तब मैं दिल्ली में था। मैंने तुरंत ये बात आश्रम संचालक जयेंद्र सिंह को बताई।’
‘घर पहुंचने के बाद मैंने जयेंद्र को बुलाया। तब तक मोहनलाल भाग चुका था। आश्रम के आस-पास के लोगों ने बताया कि वो करीब दोपहर 12 बजे ही अपना सामान लेकर साइकिल से भाग निकला। उसने आश्रम की चाबी मेडिकल स्टोर पर छोड़ दी थी।’
‘जयेंद्र ने हमें कुछ पैसे लेकर मामला सेटल करने को कहा। जब हम नहीं माने तो जयेंद्र आरोपी सेवादार के घर भी गया, लेकिन वो नहीं मिला। इसके बाद हम पूर्व प्रधान देवेंद्र प्रधान के घर गए। उन्होंने भी पहले सेवादार के घरवालों को बुलाकर बात करने को कहा। हालांकि, फिर FIR करवाने की बात तय हुई। इसके बाद हम लोग और आशा के भाई सब मिलकर FIR लिखवाने गए।’
अजय आगे बताते हैं, ‘कभी वो इन लड़कियों को 10-20 रुपए भी दे दिया करता था। ये सब 7 महीने से चल रहा है। बाबा पहले प्रिया को बुलाता। फिर उसे भेजकर आशा को अंदर बुलाता था।’
इसके बाद हम आरोपी मोहनलाल के परिवार का पक्ष जानने के लिए उसके घर गए। वहां हमें ताला लगा मिला। मोहनलाल के तीन बेटे हैं। एक बेटा दिल्ली में रहता है और वहां टेलर का काम करता है। दूसरा बेटा गांव में साथ रहता है, लेकिन घटना सामने आने के बाद वो घर छोड़कर गायब है।
आश्रम सील किया जाए, यहां पहले भी हुए गलत काम अजय चाहते हैं कि आश्रम सील किया जाए। इससे पहले भी आश्रम में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। वो बताते हैं, ‘इस सेवादार से पहले भी यहां एक सेवादार (रामशरण) था। वो भी रात को ड्यूटी किया करता था। बच्चों ने उसे कुत्ते के साथ गलत काम करते हुए देख लिया। गांववालों के कहने पर उस बाबा को हटा दिया गया।’
‘उससे पहले ओम प्रकाश नाम का भी एक सेवादार था। सत्संग में आने वाली एक महिला से उसका प्रेम संबंध हो गया। बाद में आश्रम के लोगों ने उस सेवादार से कहा कि गांववालों से माफी मांग लो। हालांकि, बाद में उसे भी बदल दिया गया। उसने फांसी लगाकर जान दे दी थी।’
अब आश्रम में पहले लगे आरोपों की बात कुत्ते के साथ गलत काम करते पकड़ा गया सेवादार, फैमिली बोली- आरोप झूठे प्रिया के घर से निकलने के बाद हमें गांव में ही रहने वाले कमल मिले। वो आश्रम से जुड़े पुराने विवादों के बारे में बताते हैं, ‘रामचरण कई सालों से राधा स्वामी सत्संग ब्यास से जुड़ा था। उसकी मौत 4 साल पहले ही हो गई। उसे हार्ट अटैक आया था। वो आश्रम में सेवा किया करता था।’
आश्रम संचालक बोले- यहां पहले कभी कोई गलत काम नहीं हुआ पूर्व प्रधान से मिलने के बाद हमारी मुलाकात जयेंद्र से हुई। वो गांव में रहकर आश्रम का कामकाज संभालते हैं। वही सेवादारों की ड्यूटी भी तय करते हैं। जयेंद्र ने हमें बताया, ‘सभी सेवादारों में से एक को चुनकर केयरटेकर बनाया जाता है। बहुत समय पहले से मोहनलाल ही आश्रम में ये जिम्मेदारी संभालते आ रहे हैं।’
‘वो 24 घंटे आश्रम में ही रहते थे। उनका बेटा खाना देने आता था। बीच-बीच में बाबा भी घर जाते थे। मुझे पहली बार घटना के बारे में सोमवार (21 अक्टूबर) को पता चला। पीड़ित बच्ची के चाचा अजय ने सुबह 11 बजे मुझे कॉल किया था। मैंने जब मोहनलाल को कॉल किया, तो फोन स्विच ऑफ आ रहा था। उसके बारे में पता किया तो वो मेडिकल स्टोर पर चाबी देकर आश्रम से चला गया था।’
‘अजय ने उसी दिन दोपहर में मुझे अपने घर बुलाया। मैंने मोहनलाल के बेटे को इसकी खबर दी, लेकिन वो घर भी नहीं पहुंचा था। उसके बेटे ने रिश्तेदारों को फोन किया, लेकिन किसी से भी पता नहीं चला कि वो कहां भाग गया।’
जयेंद्र आगे बताते हैं, ‘उसे जो करना होता था, वो दिन में ही करता था क्योंकि दिन में सब काम पर चले जाते हैं। दिन में आश्रम में भी वो अकेले ही रहता था। बच्चे तो आश्रम के मैदान में खेलने जाते थे।’
जब हमने पूछा कि गांववालों का कहना है कि आश्रम में पहले भी कई घटनाएं सामने आई हैं। इस पर जयेन्द्र कहते हैं, ‘नहीं, ऐसा कुछ नहीं है। ये सब झूठ है।’
इसके बाद हमने केस के बारे में सयाना कोतवाली के सर्किल ऑफिसर सीबी शर्मा से भी बात की। वे बताते हैं, ‘आरोपी सेवादार मोहनलाल को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने अपना जुर्म कबूल भी कर लिया है। पीड़ित बच्चियों की मेडिकल जांच कराई जा रही है। इसके अलावा आश्रम के किसी अन्य मामले की अभी हमें कोई जानकारी नहीं है।’ ………………………………………………..
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