ट्रूडो ने कनाडा फर्स्ट नीति का ऐलान किया काबिल लोग नहीं मिले
विदेशी स्टाफ रखने से पहले बताना होगा भारतीय छात्रों पर असर पड़ेगा
कनाडा के PM जस्टिन ट्रूडो ने 2025 से विदेशी अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती के लिए नियम सख्त कर दिए हैं। उन्होंने इसे ‘कनाडा फर्स्ट’ का नाम दिया है। ट्रूडो ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर बताया कि कंपनियों को नौकरी में अब कनाडाई नागरिकों को प्राथमिकता देनी होगी। कनाडा की कंपनियों को अब विदेशी अस्थायी कर्मचारियों को नौकरी पर रखने से पहले ये बताना होगा कि उन्हें कनाडा का योग्य नागरिक नहीं मिला। ट्रूडो ने कहा कि यह निर्णय ‘अस्थाई’ है और कनाडा की आबादी में हो रहे इजाफे को रोकने के लिए लिया गया है।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रूडो सरकार के इस फैसले से प्रवासी और युवाओं के बीच बेरोजगारी बढ़ सकती है। भारतीय छात्र शॉपिंग मॉल, फूड स्टोर और रेस्त्रां में काम कर रहे हैं। कनाडा में 2023 में भारतीय अस्थाई वर्करों की संख्या सबसे ज्यादा थी। कुल 1.83 लाख अस्थाई कर्मचारियों में से 27 हजार भारतीय थे।
CANADA- ट्रूडो सरकार ने 2022 में कोरोना महामारी के बाद मजदूरों की कमी के चलते नए नियम बनाए थे। तब इसे अस्थाई विदेशी कर्मचारी कार्यक्रम नाम दिया गया। इसमें गैर-कनाडाई लोगों को रोजगार से जुड़े प्रतिबंधों में राहत दी गई। इसके अलावा उनकी सैलरी में भी इजाफा किया गया। सरकार के इस कदम का भारतीय छात्रों को खूब फायदा हुआ। वहां गए छात्र अपनी पढ़ाई के अलावा पार्ट टाइम नौकरी करने लगे। फोर्ब्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रूडो सरकार के फैसले के बाद कई भारतीय छात्रों ने अमेरिकी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के बजाय कनाडा यूनिवर्सिटी को चुना। विदेश मंत्रालय के मुताबिक 2024 में लगभग 13,35,878 भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ रहे हैं। इसमें से सबसे ज्यादा कनाडा में 4.27 लाख छात्र हैं।
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CANADA- कनाडा चैंबर ऑफ कॉमर्स की डायना वेलास्को ने सरकार के फैसले पर चिंता जताई। रॉयटर्स से बात करते हुए उन्होंने कहा कि विदेशी अस्थाई कर्मचारियों को नौकरी देने का देश को फायदा हुआ। हम कोरोना के बाद आई मंदी से निपटने में कामयाब रहे, लेकिन अब जो हम फैसले ले रहे हैं इससे बिजनेस कम्युनिटी में गलत संदेश जा रहा है। अगर हमें ज्यादा विदेशी निवेश चाहिए तो हमें ज्यादा काबिल लोगों की जरूरत होगी।